प्रिय माँ मैंने आज तक बहुत गलतियां की ,मैं 7 साल का रहा होऊंगा जब मैंने जीवन की पहली सबसे बड़ी गलती की थी तब आपने मुझे अपनी गोद मे छिपा कर बाबा की डांट से बचाया था और मैं वही जब 10 या 12 का रहा होऊंगा तब अपने बोला था मुन्नु जाओ बाजार से दीपक ले आओ तो मैंने पैसे खो दिए थे और दोस्तों के साथ खेलने लगा था ,तब भी आपने मेरी सारी गलती हँस कर टाल दी थी और मैं जब 15 का था तो मेरी सबसे बड़ी गलती थी दीदी के 5 रुपये जो मैंने चुपके से लेकर भइया के साथ खर्च कर दिए थे और भइया को भी नही बताया था कि ये पैसे मैंने चोरी किये है तब दीदी के रोने पर बाबा ने चमड़े की बेल्ट से बहुत पिटाई लगाई थी फिर आपने आकर मुझे अपने आँचल में छुपा लिया और बाबा से झगड़ा कर लिया मेरे लिए। फिर मुझे आपने बाहर पढ़ने के लिए भेजा मैंने वहाँ भी कई गलतियां की और आपने सब कुछ माफ कर दिया। माँ आज मुझे आपकी बहुत याद आती है और मन करता है सब कुछ छोड़ कर आपके आँचल में छुप जाऊ। फिर याद आता है जीवन का वो दौर जिसमें सबको एक न एक दिन माँ से दूर होना ही पड़ता है। माँ मैंने हमेशा आपको भगवान से ज्यादा चाहा है, माँ कभी मुझसे दूर ना होना आपका छोटा सा मुन्नू प्रिय माँ मैंने आज तक बहुत गलतियां की ,मैं 7 साल का रहा होऊंगा जब मैंने जीवन की पहली सबसे बड़ी गलती की थी तब आपने मुझे अपनी गोद मे छिपा कर बाबा की डांट से बचाया था और मैं वही जब 10 या 12 का रहा होऊंगा तब अपने बोला था मुन्नु जाओ बाजार से दीपक ले आओ तो मैंने पैसे खो दिए थे और दोस्तों के साथ खेलने लगा था ,तब भी आपने मेरी सारी गलती हँस कर टाल दी थी और मैं जब 15 का था तो मेरी सबसे बड़ी गलती थी