गुल को हटा, हटा के कोई काँटे चुनेगा ? टूटे हुए लोगों के कोई सपने बुनेगा ? यहाँ पे लोग, लोगों की चीखें नहीं सुनते, और तुम्हे लगता है कोई खामोशी सुनेगा? ©रविन्द्र यादव #Heart #RavindraYadav