एक दिन ऐसा भी था मेरी जिन्दगी में..उस दिन को कभी भी भूल नहीं सकती..उस दिन मेरी जन्मदिन थी..मुझे सबने शुबकमनाए दिए..मगर एक का इंतजार था..वो था मेरा प्यार..में सुबह से उसका राह देखरही थी..वो अजाए आज..बस यही मेरी तमन्ना थी..समय बिता जा रहा था..जब शाम होने वाली थी, तब ही मेरी दरवाजे की गंटी बजी..में भागते हुए उस दरवाज़ा को खोली तो.. उतने में मेरे घर की आंगन में..मेरे प्यार शहीद हो चुका था..इस देश के लिए..अपने जान दे चुका था.. मैंने उसको आखरी बार गले लगाकर.. बोली जोर से.. वन्दे मातरम..जय भारत.. मेरे प्यार पर मुझे गर्व है.. वो शाम मेरी जिंदगी की मेरे और मेरे प्यार का आखरी लम्हा थी. #yostowrimo में आज कहानी एक शाम की। शाम के साथ अनगिनत क़िस्से जुड़े होते हैं एक व्यक्ति के। उनमें से ही कोई एक क़िस्सा लिखें। #शामहोनेवालीथी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi