"क्योंकि वह काली थी" श्याम पट्ट की जैसी सुन्दर सलोनी मिदुली ह्रदय वाली मन क्रम वचन की पवित्र मूरत रंग वाली थी वो प्यारी श्यामा, श्याम गौण मतवाली बिल्कुल श्याम पट्ट की तरह जो विद्यार्थी रूपी परिवार की जीवन भविष्य चमका देती क्योंकि ख़ुद को जलाना भी तो कालेपन की निशानी थी जला दी सारी ख़्वाहिशें और अपने सभी अभिमान, और अपनी संस्कार और नैतिक मूल्यों से सींचती रही दोनों कुल को अपनी ज्ञान से नई पीढ़ी को शिक्षित भी किया किसी सरस्वती की दिव्यता की तरह अपनी सारी ऊर्जा प्रकाश और तेज इन्हीं में झोंक दी और हो गई वह काली.. "क्योंकि सच में वह काली थी" बदले में क्या कुछ मिली काली को .??.👇👇नीचे अनुशीर्षक 😇 "क्योंकि वह काली थी" बहुत मजबूत और पहाड़ जैसे आत्मविश्वास से भरी हुईं दुर्गा थी वो,जो हर क्षण, अपने घर परिवार और सभी की सुरक्षा,आत्मसम्मान हेतु हर किसी से भी भीड़ जाती थी || दो घर की लक्ष्मी हुईं