किसी पत्ते पर गिरी वर्षा की बूंदे जैसी देती हैं चित्त को असीम शान्ति।। बस वैसे ही एक मित्र पीताम्बर सा "मनु" होना चाहिये।। एक मित्र होना चाहिए।