जिंदा तू रहना बेटी जिंदगी तेरी अधूरी है गूंगे,बहरों के इस समाज से कुछ सवाल पूछना जरूरी है... चुप थे वो लोग दर्द तेरा देख कर भी पूछ न उनसे तू बेटी क्या आँसू न टपके एक बार भी? गूंगे, बहरों, मुर्दो की इस समाज मे, बेटियो का क्या कोई मोल नही? हर रोज ब्लात्कार पर फिर किउ प्रतिकार नही? आंखे मिला कर पूछ न बेटी तथाकथित उन समाज के ठेकेदारों से कब तक हम बचते फिरेंगे समाज की उन दरिंदो से? धर्म और राजनीति पर चर्चा यहाँ आम है बेटियों का इज्जत का शयेद ही अब कोई दाम है? बेटियो को बेटी मानो जरूरी नही उन्हें पूजने की बन्द करो ये ढोंग अब जरूरत है उनकी शुरक्षा की, #ट्विंकल