मैं उसकी यादो को कहा जाया करु। जिसने मुझे बेसब्र सी तन्हाई मुकम्मल की है।। ये सब के अंधेरो में मैं अंधेरी सी जिंदगी का मुसाफिर हूँ। अब इसे उजाले से कहा रुबरु करु ।। ।। इस युग का मिरज़ा गालिब।। #ulfat-a-#zindgi#ghalib