उस दिन ताला टूटेगा सविंधान की पेटी का , जब जिस्म निचोड़ा जायेगा किसी नेता की बेटी का ।। क्या लिखे , क्या कहे कुछ समझ नही आता ,आए दिन बलात्कारों जैसी घिनोनी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है । मानवता खत्म हो रही है , हम भी सोशल मीडिया पर न्याय मांग रहे हैं सरकार के सामने मुहीम लगाने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही है ।। शुरुआत हमें ही करनी होगी...,,ये हवश की भूख हमें ही मिटानी होगी ।।