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रात ने सुलाया दे के थपकी आफताब आज़ाद हो के खेलने लग

रात ने सुलाया दे के थपकी आफताब
आज़ाद हो के खेलने लगा वो माहताब
ज़मीं भी बांचने लगी वो तारों की किताब प्रिय लेखको।
आइए एक अलग तरह का अभ्यास करते हैं। इस तस्वीर में तीन चीज़ें बहुत नुमायाँ (मुखर) हैं। एक रात, दूसरी किताब और तीसरा चाँद। 

तीन पंक्तियों की एक रचना से इस तस्वीर का अनुवाद करें। लेकिन हर पंक्ति में तीनों में से एक शब्द ज़रूर हो। 

#तस्वीरबोलतीहै #challenge #yqdidi    #YourQuoteAndMine
Collaborating with  YourQuote Didi
रात ने सुलाया दे के थपकी आफताब
आज़ाद हो के खेलने लगा वो माहताब
ज़मीं भी बांचने लगी वो तारों की किताब प्रिय लेखको।
आइए एक अलग तरह का अभ्यास करते हैं। इस तस्वीर में तीन चीज़ें बहुत नुमायाँ (मुखर) हैं। एक रात, दूसरी किताब और तीसरा चाँद। 

तीन पंक्तियों की एक रचना से इस तस्वीर का अनुवाद करें। लेकिन हर पंक्ति में तीनों में से एक शब्द ज़रूर हो। 

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anjaliraj2208

Anjali Raj

New Creator