लिख लिख कर सदाएं अब उंगलियां जलने लगी है आ जाओ प्रीतम अब तो, की रात बढ़ने लगी है देख के मेरे आंसू ,वो आसमां भी रो दिया वो चांद को भी हमारी जुदाई, अब खलने लगी है आ जाओ प्रीतम, की रात बढ़ने लगी है ........... भोर ढल गई इंतजार म,ें सहर तक ना आए तुम्हारे बिन मोहे पिया, यह दुनिया कैसे भाए मिलन की बेला को अब, आंखें तरसने लगी है आ जाओ प्रीतम, की रात बढ़ने लगी है......... घोर अंधयारी रात में, कहीं तुम खो ना जाना अब भी मेरे हो तुम, कहीं दूर हो ना जाना मुझको जुदाई तेरी, अब चुभने लगी है आ जाओ प्रीतम, की रात बढ़ने लगी है..…. -दिव्या जैन #NojotoQuote aa jao pritam #hindinojoto#nojoto#hindipoem