Nojoto: Largest Storytelling Platform

काग़ज़ पे बनाई तस्वीर किसी ने, किसी ने आजमाई लिख कर

 काग़ज़ पे बनाई तस्वीर किसी ने,
किसी ने आजमाई लिख कर तक़दीर..!

वो मोहब्बत के महल चाहती रही,
बदन पे चलाती रही स्वार्थ के तीर..!

कोई चाहता नहीं अब इश्क़ में होना फ़ना,
किसी को भाता नहीं मोहब्बत में फ़क़ीर..!

दिल की सरहद पर खड़े हैं यूँ ही,
पीट रहे हैं ख्यालों में भी लक़ीर..!

जात धर्म देख कर करना मोहब्बत,
न कोई किसी का राँझा न कोई किसी की हीर..!

©SHIVA KANT
  #boat #Kagaj