बात रिश्तों की करें , तो शायद हमें निभाना नहीं आता, दिल लग जाए मेरा किसी से, फिर उससे कुछ छिपाना नहीं आता, फ़ैसले गलत थे कुछ मेरे भी जिंदगी के मगर उनसे हुई जो तकलीफ हमें, वो हमे जताना नहीं आता, रिश्तों की ऎहमियत है मेरे भी लिए , पर क्या करूं की मुझे बताना नहीं आता। दिल्ली कलम से✍️💞 ALi Ji Razvi Vaishali Chauhan Chirasree Banerjee Ritika Gupta Soumya Jain