आबादी जो बहरी होती जा रही है कहीं बर्बादी तो नहीं ला रही है चिंता नहीं संसाधनों की तनिक व्यर्थ में अमूल्य को लुटा रही है जीवन में आना पर्याप्त नहीं जीवन जीना क्यूँ भूलती जा रही है हर एक को बस अपनी चिंता दूसरों से आँखें मूँदी जा रही हैं आबादी जो बिना आकलन बढ़ रही सारे जीवन गणित विफल कर रही है नहीं थमी अंधी रफ़्तार अगर इसकी तो घर-नौकरी को यह तरसने जा रही है आबादी जो बढ़ती जा रही है! (स्वरचित) ©Neha M sharma 'Nirjhara' #आबादी #Nojoto #Trending #NojotoFilms #nojoto2021 #thought #kavita