दरम्यां हमारे बँधा इश्क़ का ऐसा पुलिंदा तेरे रूह का बन बैठा मैं बसिन्दा। दरकते जिस्म का बन गयी तू सहारा मुझे कहाँ पता था इश्क़ का ककहरा। मुक्कमल होंगी अब दिल की सारी अर्जियां दिल खोल करेंगे अब अपनी मनमर्जियां। ✍️आशुतोष यादव #Vo_karib_aaye #love_feeling #joint_heart #nojoto📝 #poetry #love_shayri Chanchal......... ..SShikha.. Man ki awaj... Sudha Tripathi Khan Perfect💞