हमें भूलना भारी पड़ जायेगा तुम्हें जरा सोचो कि अब कौन सताएगा तुम्हें यूँ तो कदरदान होंगे कई तुम्हारे पर मेरी तरह भला कौन चाहेगा तुम्हें.. आते-जाते रहेंगे ये मौसम सभी लेकिन पतझड़ से सावन कौन बनाएगा तुम्हें.. जितना मन करे जी भर के देख लो इश्क दूर रहकर ही अब आजमाएगा तुम्हें.. तुमको अंगारों पर चलने का शौक है हथेली रख उन पे अब कौन बचाएगा तुम्हें.. जाने वाला फिर वापस आएगा या नहीं किसी रोज ये डर भी सताएगा तुम्हें.. किसी दीवाने की कद्र होती है क्या वक्त जरूर इक दिन ये बताएगा तुम्हें.. हमें भुलाना भारी पड़ जाएगा तुम्हें!! -KaushalAlmora #भारी #अलविदा #वक़्त #yqdidi #yqbaba #love #yqpoetry