मर्द को दर्द भी होता है मर्द रोते भी हैं हर किसी के ऊपर फिल्मी डायलॉग नही सूट करता है मर्द भी चाहता है कि अपने सारे जिम्मेदारियां किसी के ऊपर छोड़कर आजादी से अपने माता पिता के पास रहे वह भी चाहता है किसी के कंधे पे अपने सिर रखकर रोए लेकिन लेकिन इतने खुशनसीब कहां दिन भर दर दर की ठोकर खाकर भी मस्त मगन रहता है वह अपने खुशी, शौक, ईत्यादि का मारकर जिंदा रहता है ठोकर खाते रहें जिम्मेदारियां लेते रहें और हर हाल में खुश रहें अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं l ©Anurag Vishwakarma #अंतर्राष्ट्रीय #पुरुष #दिवस की हार्दिक #शुभकामनाएं ईश्वर आपको #जिम्मेदारियों लेकर पूरा करने की #शक्ति प्रदान करें #internationalmensday