Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब रात काली छाई थी हुंकार फिर उसने लगाई थी आज़ा

जब रात काली  छाई  थी 
हुंकार फिर उसने लगाई थी 
आज़ाद जिया हु  आज़ाद 
 मरूंगा कहकर उसने अंग्रेज़ों को ललकारा 
आजादी का चंद्र बना वो 
आजादी का मतवाला 

चंद्र शेखर  आज़ाद जी 27/02/1931
नमन 1931/02/27 #nojoto
जब रात काली  छाई  थी 
हुंकार फिर उसने लगाई थी 
आज़ाद जिया हु  आज़ाद 
 मरूंगा कहकर उसने अंग्रेज़ों को ललकारा 
आजादी का चंद्र बना वो 
आजादी का मतवाला 

चंद्र शेखर  आज़ाद जी 27/02/1931
नमन 1931/02/27 #nojoto