हे किसानों शब्दों से निकलकर अब आक्रोश का किस्सा बनो... खेतों के साथ साथ अब सत्ता का भी हिस्सा बनो... खून पसीना बहाकर देखा है तो लाठियाँ मिली हैं सुदृढ भविष्य बनाना है तो उच्चस्तरीय शिक्षा चुनो... सत्ता तेरे कदमों में होगी, भाग्यविधाता ये जानें तो... संगठन की ताकत पहचानकर एकजुटता को बुनो... -------------------------------- ✍🏻चौधरी कृष्णवीर सिंह गोदारा #SocialIssue #KVS #Godara