देखो न जिंदगी की झरोखों से कोई झाँक रहा है.. मंद मंद मुस्कुरा कर एक टुक ताक रहा है.. उलझी हूँ कुछ यूँ जिंदगी के तानों बानो में.. कोई रेशमी बंधनों में जैसे मुझे बाँध रहा है... ये चारों ओर फैला निराशाओं का अंधियारा, आशाओं का सूरज बन सुनहरी भोर कर रहा है.. मन को रिझाऐ जैसे जन्मों की चाह कोई, कोई बन चितचोर चैन और रैन हर रहा है.. देखो न जिंदगी की झरोखों से कोई झाँक रहा है.. मंद मंद मुस्कुरा कर एक टुक ताक रहा है...💕 ©sapna 'Chanchal' #rayofhope सुरेश'अनजान' Baljit Singh Buttar Antima Jain Sanju Singh Anshu writer