ज़हन गफलतों के दरिया में डुबा है ईमान से मुन्वर दिल ने बचाया है बसबसो के दौर में एक लम्हा ऐसा भी आया है क्या हू मैं जिसने खुद से रुवरु कराया है बातिल की इस दुनिया मे हक़ पर रहना यही तो बुज़ुर्गो ने सिखाया है अज्माइसे बहुत है,इनसे गाफिल न होना हक़ परस्ती हक़ है मेरा जिसने इंसान मुझे बनाया है ©GNSQ Hussaini #Nojoto #nojotoquote #nojotopoetry #nojotoshayari #gnsqhussaini #Love #HUmanity