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माँ जैसी सरल है हिंदी, ना अपनो से खुलता है, ना गैर

माँ जैसी सरल है हिंदी, ना अपनो से खुलता है,
ना गैरो से खुलता है।
ये जन्नत का दरवाजा ,
सिर्फ माँ के पैरो से खुलता है। Home is not home without mom..
माँ जैसी सरल है हिंदी, ना अपनो से खुलता है,
ना गैरो से खुलता है।
ये जन्नत का दरवाजा ,
सिर्फ माँ के पैरो से खुलता है। Home is not home without mom..