तरस गए हैं आसमान के तारे, अब कोई गिनने नहीं आता, छत पर बैठ कर किसी को, चाँद देखना भी नहीं भाता। क्या 'नेह' कमजोर हो गया है, जो इंतज़ार करना उसको नहीं आता। तरस गए हैं... #तरसगए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #drnehagoswami