यहीं मुलाकातें होती थी हमारी देखते थे ख्वाब जब भी होते थे साथ बैठे बैठे उसकी बातों में समय जाता था बीत आए एक दिन वो हर रोज की तरह यहीं पर आज वो आए अजनबी बनकर साथ निभाने के वादों को याद दिलाकर साथ देखे ख्वाबों को हमें देकर चले गए सदा के लिए अगले जन्म में मिलने का वादा करके ©Nisha Bhargava #बिछड़न@nojoto