यूँ ही अकेले बैठे बैठे हम ना जाने... क्या क्या सोचा करते हैं, कभी देखते हैंख्वाब तुम्हारे... कभी तुम्हारे ख़यालों में खोया करते हैं ।। ©दीपक पंडित #बसयूँहीं