❤️गुमनाम सफ़र❤️ गुमनामी के रस्तों को अब अलविदा कहना है। अकेले इस सफर में अब किसी के साथ रहना है।।। ❤️मधुकवि ❤️ थक ना जाए जिंदगी अब जवां फिर से दिखना है। जो चार दिन मिले जिंदगी के जिसमें 2 चल बसे। बस बचे 2 दिन खुल कर जीना है।। ❤️ मधुकवि ❤️ चल मुसाफ़िर ढूंढ अपनी मंजिल के इस सुनहेर सफ़र में। तेरे इंतज़ार में भी शायद कोई खड़ा है।। ❤️मधुकवि ❤️ तन्हा तन्हा सी इस जिंदगी में अब अब एक बल्ब जलाना है। की अपने हाथ में बटन और सारा जहां जगमगाना हैं। बंजर बनी इस जमीं को अब गुलाब के पौधे से महकाना है।। ❤️मधुकवि ❤️ चल मुसाफ़िर भर ले थैला अपने ख्वाबों और उन सपनों से जो रहे गए थे रस्ते में उन ख्वाबों को अब हकीकत बनाना है।। ,❤️मधुकवि ❤️ मुरझाए हुए इस चेहरे को अब मुस्कान से सजाना है गुमनामी के रास्तों को अब अलविदा कहना है। अकेले इस सफ़र में अब किसी के साथ रहना है ।। ❤️मधुकवि❤️ ©madhukvi # WalkingInWoods #सायरी_एक_अल्फ़ाज़ #शायरीदिलसेदिलतक #शायरीऔरगजल #जिंदगी_का_सफर #