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*रास्ते का पत्थर * नदी अपनी ही धुन में बही जा

*रास्ते  का पत्थर *

नदी  अपनी  ही धुन में बही  जा रही थी  अचानक  उसके रास्ते  में  पत्थर  आ गया  जो उसका रस्ता रोक रहा था  भरसक प्रयास  के बावजूद वह उस पत्थर  को पार नहीं  कर पा  रही  थी  
 वह सोचने  लगी  की अगर  मैं  इसे पार  न कर  पाई  तो सागर  में  कैसे  मिलूँगी  और अगर मैं  यूहीं  एक जगह  रूकी  रही  तो मेरे  पानी में  गंदगी पैदा  होने  लगेगी  और मेरा  अस्तित्व समाप्त  हो  जायेगा  इतना  सोचना  था की नदी  ने पूरा  जोर  लगाया  और उन  पत्थरों के बीच  से अपना रास्ता  बनाया  और उसी  मस्ती  में सागर  से मिलने  निकल  पड़ी 
दोस्तों  कहानी का सार  यह है  की जब मंजिल पाने में जब भी  कठिनाई  नजर  आये तो एक  पल के लिए  सोचो  और रास्ता  कठिनाईयों के बीच  से ही निकल आयेगा  और आप अपने  लक्ष्य तक  पहुँच  जायेंगे वर्ना जिस  तरह  रूका  हुआ  पानी  गंदगी  में बदलने में वक्त नहीं  लेता  उसी  तरह  लक्ष्य न  पाने  की स्थिती में हमारी  पहचान  भी  खो  जाती है Raste ka patthar 
#motivationalSTORY#lifechanger#LIFElession
*रास्ते  का पत्थर *

नदी  अपनी  ही धुन में बही  जा रही थी  अचानक  उसके रास्ते  में  पत्थर  आ गया  जो उसका रस्ता रोक रहा था  भरसक प्रयास  के बावजूद वह उस पत्थर  को पार नहीं  कर पा  रही  थी  
 वह सोचने  लगी  की अगर  मैं  इसे पार  न कर  पाई  तो सागर  में  कैसे  मिलूँगी  और अगर मैं  यूहीं  एक जगह  रूकी  रही  तो मेरे  पानी में  गंदगी पैदा  होने  लगेगी  और मेरा  अस्तित्व समाप्त  हो  जायेगा  इतना  सोचना  था की नदी  ने पूरा  जोर  लगाया  और उन  पत्थरों के बीच  से अपना रास्ता  बनाया  और उसी  मस्ती  में सागर  से मिलने  निकल  पड़ी 
दोस्तों  कहानी का सार  यह है  की जब मंजिल पाने में जब भी  कठिनाई  नजर  आये तो एक  पल के लिए  सोचो  और रास्ता  कठिनाईयों के बीच  से ही निकल आयेगा  और आप अपने  लक्ष्य तक  पहुँच  जायेंगे वर्ना जिस  तरह  रूका  हुआ  पानी  गंदगी  में बदलने में वक्त नहीं  लेता  उसी  तरह  लक्ष्य न  पाने  की स्थिती में हमारी  पहचान  भी  खो  जाती है Raste ka patthar 
#motivationalSTORY#lifechanger#LIFElession