फिर से चाहत को हवा देते हैं, आग बुझती है, जला देते हैं । अब मैं आऊँ तो इनकार ना करना मुझको, फिर से कसमों से लाचार ना करना मुझको । अपनी ज़ुल्फ़ें तू हल्की सी झटक सी देना, मेरी उल्फ़त को थोड़ी सी कसक सी देना । याद कर लेना मुझको भी सवालों में कहीं, गुनगुना लेना छिप छिप के ख्यालों में कहीं । इतना काफी है तू चाहत का सिला रख लेना, मुस्कुरा देना फिर चाहे गिला रख लेना ।। बात इतनी है, चल फिर से गिला देते हैं... आग बुझती है, जला देते हैं। फिर से चाहत को हवा देते हैं, आग बुझती है, जला देते हैं ।। #NitinDilSe #NKHarit - Nitin Kr Harit फिर से चाहत को हवा देते हैं, आग बुझती है, जला देते हैं । अब मैं आऊँ तो इनकार ना करना मुझको, फिर से कसमों से लाचार ना करना मुझको । अपनी ज़ुल्फ़ें तू हल्की सी झटक सी देना, मेरी उल्फ़त को थोड़ी सी कसक सी देना । याद कर लेना मुझको भी सवालों में कहीं, गुनगुना लेना छिप छिप के ख्यालों में कहीं ।