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मैं दाना डालने जाता हूँ, वो रोज मेरी छत पर मिलते ह

मैं दाना डालने जाता हूँ, वो रोज मेरी छत पर मिलते हैं,

खत लिए मेहबूब का सुबह -सुबह कुछ कबूतर मिलते हैं,,

कमबख्त परिंदें भी कम नहीं हैं, दाना चुगने के बहाने कुछ के तो सर में सर मिलते हैं... #Kabootar, #Mehboob, #Parinde, #Shayari, #Sharif
मैं दाना डालने जाता हूँ, वो रोज मेरी छत पर मिलते हैं,

खत लिए मेहबूब का सुबह -सुबह कुछ कबूतर मिलते हैं,,

कमबख्त परिंदें भी कम नहीं हैं, दाना चुगने के बहाने कुछ के तो सर में सर मिलते हैं... #Kabootar, #Mehboob, #Parinde, #Shayari, #Sharif