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खाने से रुसवाई कर जिंदगी से मुंह मोड़ चला है एक सर

खाने से रुसवाई कर जिंदगी से मुंह मोड़
चला है एक सरफरोश खुद की जंग की ओर!
ना जाने कब सवेरा होगा
उसकी इस रात का
जहां पड़ती सूरज की एक लाली होगी..
लिया आज उसने फिर मुंह मोड़ अपने घर परिवार से
ना जाने कब बुद्धि का संचार होगा 
उसके इस अबोध ज्ञान में।
खुद से बात कर बिता रहा वह अपने जीवन के पल
उमंगों के संचार की आस जैसे विद्रोह का हुआ आगाज़
अब बस उस हमदर्द की तलाश है, 
जिसकी ना कोई आवाज,
मिल जाए तो उसका फरमान
ना मिले तो खुद का अंजाम है।। #Alone😔 
#alone_but_happy
#quarantineday
खाने से रुसवाई कर जिंदगी से मुंह मोड़
चला है एक सरफरोश खुद की जंग की ओर!
ना जाने कब सवेरा होगा
उसकी इस रात का
जहां पड़ती सूरज की एक लाली होगी..
लिया आज उसने फिर मुंह मोड़ अपने घर परिवार से
ना जाने कब बुद्धि का संचार होगा 
उसके इस अबोध ज्ञान में।
खुद से बात कर बिता रहा वह अपने जीवन के पल
उमंगों के संचार की आस जैसे विद्रोह का हुआ आगाज़
अब बस उस हमदर्द की तलाश है, 
जिसकी ना कोई आवाज,
मिल जाए तो उसका फरमान
ना मिले तो खुद का अंजाम है।। #Alone😔 
#alone_but_happy
#quarantineday