भोर में फिर सब कुछ नया सा होगा, फिर रास्ते दो दिशाओं में होंगे..!! हम फ़िर कोई बहाना भटक जाने का कर, तेरे साए में कहीं रात गुजार देंगे..!! ...✍ - हिमांश my life my dream