काग़ज़, स्याही, क़लम मना ले रुठा सनम दो मीठे बोल लिखकर दूरियाँ कर दो कम कुछ सच अगर लिख दो सियासत का निकले दम जो बयां जुबां नही कर पाये काग़ज़ पर सजा दें हम काग़ज़ क़लम स्याही ले आमिल लिख दे कुछ गरमा गरम आमिल 😍😁😁😂😂😍 Kagaz syaahi qalam Manaa le rootha sanam Do mitthe bol likhkar Dooriyaa kar de kamm Kuch sach agar likh do Siyasat ka nikle dumm