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बेगैरत जैसी बातें ना करो! ए-मुसाफिर.. मुसाफिर होना

बेगैरत जैसी बातें ना करो! ए-मुसाफिर..
मुसाफिर होना कोई लज़्जा नहीं,
तुम्हारी खूबी हैं।।
जो मिल गया तुम्हे भी तुम्हारा ठिकाना,
तो फिर तुम मुसाफिर किस काम के?
मेरे राह्गीर किस काम के?
©©
आखिर क्यों होते हो उदास,
देखकर अपनी तक़दीर को?
ज़रूरी तो ये भी नहीं,
हर महल वाले का कोई अपना हो।
तुम मुसाफिर हो,माना की थक जाओगे,
शायद फिर कहीं दो पल रुक जाओगे।
पर याद जो आये कोई ठिकाना पुराना?
लौटना ना तुम फिर कभी,
वरना फिर से तुम मुज़्तर लोगों की चाहत के पड़ जाओगे।।
●●
Mulahiza farmayiegaa....
वो तो मुसाफिर था,
ना कोई घर ,ना कोई ठिकाना।
बस लोगों को राह दिखाता था,
तुमने तो बस कुछ आपनो से दिल लगाया,
और वो पूरी दुनिया को अपना बताता था।। muztar- Impatient 
lazza - ashamed of
#love
#musafir
#string_of_musafir
बेगैरत जैसी बातें ना करो! ए-मुसाफिर..
मुसाफिर होना कोई लज़्जा नहीं,
तुम्हारी खूबी हैं।।
जो मिल गया तुम्हे भी तुम्हारा ठिकाना,
तो फिर तुम मुसाफिर किस काम के?
मेरे राह्गीर किस काम के?
©©
आखिर क्यों होते हो उदास,
देखकर अपनी तक़दीर को?
ज़रूरी तो ये भी नहीं,
हर महल वाले का कोई अपना हो।
तुम मुसाफिर हो,माना की थक जाओगे,
शायद फिर कहीं दो पल रुक जाओगे।
पर याद जो आये कोई ठिकाना पुराना?
लौटना ना तुम फिर कभी,
वरना फिर से तुम मुज़्तर लोगों की चाहत के पड़ जाओगे।।
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Mulahiza farmayiegaa....
वो तो मुसाफिर था,
ना कोई घर ,ना कोई ठिकाना।
बस लोगों को राह दिखाता था,
तुमने तो बस कुछ आपनो से दिल लगाया,
और वो पूरी दुनिया को अपना बताता था।। muztar- Impatient 
lazza - ashamed of
#love
#musafir
#string_of_musafir