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White ना हैं वजूद इस दुनियां में खुद का यहां ना

White ना हैं वजूद इस दुनियां में  खुद का यहां
 ना हूं  मैं खुद में यहां ना किसी और का 
 फ़िर दुनियां के दस्तूर इन रश्मो और रिवाज़ो में 
बेवजह ही खुद को बांधे क्यों रखना
जनाजा तो खुद का भी ना देख पाएंगे हम
फ़िर इस दुनियां के ऐशो आराम को देख कर 
 अपनी दुनियां में खुद को जलाते क्यों रखना

©SmileyChait
  #goodnightimages  Anshu writer बाबा ब्राऊनबियर्ड Satyaprem Upadhyay Poet bhushan kumar  खामोशी और दस्तक