शायद में तम्हें कह नही पाऊं पर तुम जाँ ज़िंदगी हो मेरी हर खुशी हर बंदगी हो मेरा चैन दिल का सुकुँ हो मेरी साँसो में रूह में बसे हो तुम वजूद मेरे मेरे खुदा हो मेरे लफ्ज़ से बयाँ मुहोबत कर नही पाऊंगी तुम मेरी आंखो में अपना अक्स देख लो रोम रोम में बसे हो ये महसुस करलो बाँहों मे भर प्यार करलो बहोत ज़ख्म सीने में लिए हूँ अब थक सी गई हूं बस इल्तिजा आखरी तुज से हे तेरे प्यार में जी लूं तेरी बाँहों में दम तोड दूँ 2019#shilpapandya शायद में तम्हें कह नही पाऊं पर तुम जाँ ज़िंदगी हो मेरी हर खुशी हर बंदगी हो मेरा चैन दिल का सुकुँ हो मेरी साँसो में रूह में बसे हो तुम वजूद मेरे मेरे खुदा हो