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White उलझन उलझन है की चल पाती नहीं , मैं रुकता

White उलझन

 उलझन  है की चल पाती नहीं ,
 मैं रुकता हूँ तो रुक पाती नहीं, 
मैंने देखा है कई बार पिछे मुड़कर, 
ये उलझन ही है जो मुड़ पाती नहीं । 

शिकायते पेड़ पौधों से क्या करू, 
जब उलझन इंसानो को भी समझ आती नहीं । 

मेरी राह के पड़े पत्थर मेरे फूल भी है ,
 पर ये फूल गुलशन भी तो महकाते नहीं । 

और इश्क मौहब्बत गम से भरा नही होता ,
 फिर उलझन है खुशी भी तो ठहर पाती नहीं । 

 मेरे दोस्त ये उलझन ही है जो कभी सुलझ पाती नहीं , 
सारी जिंदगी लग जाती है मौत को सुलझाने में,
 और ये मौत की गुथी सारी जिंदगी सुलझ पाती नहीं ।   




तनहा शायर हूँ यश










.

©Tanha Shayar hu Yash #sad_qoute #uljhan #tanhashayarhu #tanhapoem #tanhapoerty
White उलझन

 उलझन  है की चल पाती नहीं ,
 मैं रुकता हूँ तो रुक पाती नहीं, 
मैंने देखा है कई बार पिछे मुड़कर, 
ये उलझन ही है जो मुड़ पाती नहीं । 

शिकायते पेड़ पौधों से क्या करू, 
जब उलझन इंसानो को भी समझ आती नहीं । 

मेरी राह के पड़े पत्थर मेरे फूल भी है ,
 पर ये फूल गुलशन भी तो महकाते नहीं । 

और इश्क मौहब्बत गम से भरा नही होता ,
 फिर उलझन है खुशी भी तो ठहर पाती नहीं । 

 मेरे दोस्त ये उलझन ही है जो कभी सुलझ पाती नहीं , 
सारी जिंदगी लग जाती है मौत को सुलझाने में,
 और ये मौत की गुथी सारी जिंदगी सुलझ पाती नहीं ।   




तनहा शायर हूँ यश










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©Tanha Shayar hu Yash #sad_qoute #uljhan #tanhashayarhu #tanhapoem #tanhapoerty