कुंडली का सर्वश्रेष्ठ मिलान बिगड़ते देखा है, विचारों में सामंजस्य ना होना, दोष आस्तिकता तो नहीं..? विवाह आदि के मामले में ये कुल की परम्परा मान मर्यादा आदि जुड़ी होती है। आचार्य चाणक्य ने भी इस विषय मे कहा है ।मैने इस पर शंकराचार्य भगवान का भज गोविंदम का ये श्लोक लेकर अपनी बात को कहा है । नारीस्तनभरनाभीदेशम्, दृष्ट्वा मागा मोहावेशम्। एतन्मान्सवसादिविकारम्, मनसि विचिन्तय वारं वारम् ॥ स्त्री शरीर या पुरुष शरीर पर मोहित होकर आसक्त मत हो। अपने मन में निरंतर स्मरण करो कि ये मांस-वसा आदि के विकार के अतिरिक्त कुछ और नहीं हैं इसीलिए भज गोविन्दं भज गोविन्दं, गोविन्दं भज मूढ़मते❤️ #yqbaba #yqdidi #himanshuhimdil #love #marriage #collab #life #YourQuoteAndMine Collaborating with Himanshu Sharma