गैर थे आखिर सो मेरा घर जला कर भागने लगे हैरत तो तब हुई जब मेरे अपने हाथ तापने लगे एक ही चूल्हा चला जब तक चली सांसे उसकी बाप को दफ़नाते ही सब बेटे हिस्से बांटने लगे बड़े ज़ोश में उठाये मेरे खत उसने जलाने के लिए पहला पन्ना हाथ में लेते ही उसके हाथ कांपने लगे कल दिखाया था मैंने ही रस्ता जिस जिसको आज वो ही लोग देखो मेरा रस्ता काटने लगे एहतराम उम्र में बड़ो का, फकीर हो या हाकिम ऐसा नहीं करते कि मतलब से तलवे चाटने लगे मै नहीं हूं अमीर बाप की औलाद तो नहीं हूं इससे क्या फ़ायदा कि लम्बी लम्बी हांकने लगे #HindiShayri #NojotoHindi #UrduShayari #NojotoUrdu #NojotoThoughts #Quotes #Love #Shayari