मेरे ख्याल मे एक ख्याल आता है, जो मेरे ज्बातों को उधेड़ता और बुनता है। कल्पना-परिकल्पना एक सुंदर स्वप्न लोक की, विचरण करूं मैं जिसमें होकर स्वचछंद। पर है यर्थाथ से परे यह लोक, आंसू और अवहेलना से भरा मेरा इहलोक। क्या करूं कि हो मेरा जीवन आलोक, स्पन्दित,स्वच्छन्दित,मधुकुंज सा मेरा संसार। जिसमें हो सिर्फ अपनेपन और प्यार का स्वर गुंजायमान। ©Alpita MishraSiwan Bihar #MereKhyal #MereKhayaal 8155023077 Pallavi Srivastava kaven leven Raisul Azam