कामदेव की कल्पना हो और देह शीतल रही थी न मुमकिन इस मिलन की आश दिल पलती रही रात की स्याही न उतरी ,और शमां जलती रही निकला बन झोंका हवा सा ,आंख वो मलती रही आम ना था वाक्या वो , उस अंधेरी रात का उन लवों से , उस छुअन से देह ये जलती रही Continue......... #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi #yqlove #yqdesire #ekrajhu ।