जय परमेश्वर रावणने दो चारमरतबा ग्रहनडालके अंन्दाजदेखाथा- परंन्तु यह बनीयेलोग अपने?राक्षसीपापसे साल बसाल ग्रहनडालतेहें किजो टीपनोंकेअंन्दर हमेशा-ग्रहनपङनेका हाल लीखाहुवाआताहे सोयहटीपने बनीयोंके चलायेहुयेहें किजीसतरहसे.रावणने.चलायेथे सोयहहाल सबसंसारकेलो-ग अपनी२आंखोंसे देखरहेहें परंन्तु ग्रहनपङनेसे जमीनमाता?नीहायतदरजेका दुखपातीहे ईससेकोईचीज जमीन माताकेउपर उमदातोरपर नहीहोतीहे..... ( ३६ ) अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©JAGAT HITKARNI ( 274 ) #Quote #Life #story❤ #just #Nature #Update christmas wishes birthday wishes for best friend Extraterrestrial life birthday wishes in marathi