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इश्क़ (अनुशीर्षक पढ़े) "इश्क़" नापने चले थे जो गहरा

इश्क़

(अनुशीर्षक पढ़े) "इश्क़"

नापने चले थे जो गहराई इश्क़ की,
वो खुद कही इश्क़ की गहराई में खो गए।।

यहां किसी को मुकम्मल जहां नही मिलता,
वो दस्तान-ए-इश्क़ मुकम्मल करने चले थे।।
इश्क़

(अनुशीर्षक पढ़े) "इश्क़"

नापने चले थे जो गहराई इश्क़ की,
वो खुद कही इश्क़ की गहराई में खो गए।।

यहां किसी को मुकम्मल जहां नही मिलता,
वो दस्तान-ए-इश्क़ मुकम्मल करने चले थे।।

"इश्क़" नापने चले थे जो गहराई इश्क़ की, वो खुद कही इश्क़ की गहराई में खो गए।। यहां किसी को मुकम्मल जहां नही मिलता, वो दस्तान-ए-इश्क़ मुकम्मल करने चले थे।। #yqbaba #yqdidi #बावरा #समर्पण #pchawla16 #yqpowrimo