जब जब अपने ख़यालों को, लफ़्ज़ों में बयाँ किया। मैंने तुम्हें महसूस किया। जब जब अपने लफ़्ज़ों को, कागज पे उतारा। मैंने तुम्हें महसूस किया। तू एक पल को भी, मुझसे दूर न हुई। मैंने हर पल, तुम्हें महसूस किया। सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ✍🏻 सभी प्रतिभागी अपनी अभिव्यक्ति के लिए पूर्ण स्वतंत्र हैं 💗 पंक्तियों की बाध्यता नहीं है. 1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें