ग़ज़ल फासला जैसे की सजा कोई । जो मिले ग़र सनम अत़ा कोई।। अब नज़र भी झुकी झुकी सी हैं , थाम कर हाथ मेरा मिला कोई ।। क्यूँ थमी सी लगे हमे साँसे , टल गया फिर से हादसा कोई।। दौर थम सा गया वफाओ का , मोहबत में अजी रूठा कोई।। ना अपेक्षा छुपा कलम तेरी , लिख ग़जल मे तू दुआ कोई ।। Apeksha Vyas ©Apekshavyas #nojohindi #nojohindishayri #my📓my🖋️ #foryoypage #foryou