तडपती है रोती है चिल्लाती है बेटी हर रोज मरती हैं सिसकती हैं बेटी एक आरजू है तमन्नाहै कहती है बेटी करो तत्काल जो करना है बेटी स्मृति रहेंगी प्रियंका निर्भया बेटी हर रोज मरती रहेंगी भारत की बेटी कोई पहल नही कोई चहल नही दुष्कर्म तो करते हैं बेटें फिर कयों तोहमतें झेलती हैं बेटी रहेंगे नारे चार छह दिन धरना प्रदर्शन भी है कुछ क्षण का लतीफों में ली जाएंगी फिर बेटी तडपती है रोती है चिल्लाती है बेटी स्वयं चेहरे पे कालिख न लगाती हैं बेटी कुछ समझती है फिर कहती है बेटी थोडी पहल हमारी भी सुनो बेटी बेटी से ही बेटी कहती है बेटी अश्लीलता वस्त्रविन्यास के चलचित्र न दिखाओ तडपती _.................... चार दिन नारे देने से कुछ न होगा बेटी प्रज्ञा हो तुम दुर्गा रूप हो तुम बेटी बेटी से ये बेटी कहती है बेटी गंगा जैसी पवित्र हो तुम बेटी कल हुआ था जो दिल्ली में हैदराबाद में वह आज हुआ बेटी कितनी ऐसी बेटी हैं कभी रोती हैं कभी हँसती हैं फिर भी कुछ न कहती हैं हाँ बेटी हैं वही बेटी हैं कितनी ऐसी बेटी मरती हैं हर रोज अर्थी उठती है बेटी तडपती है ............. _शिल्पा यादव निर्भया हत्याकाण्ड