इस बरसात में लगे जैसे नाचे मोरनी दिल चुरा ले गई वो मासूम सी दिल की चोरनी प्यारी पहली फुहार जैसी लगे पहले प्यार जैसी मुख पे लाली आफताब जैसी शांत शीतल मेहताब जैसी वो है एक खिले गुलाब जैसी ©Dr Supreet Singh #गुलाब_सी