कुछ इस तरह ज़िन्दगी को गुज़ारा है खुदी को ख़ुद से दूर कर के पुकारा है मेरे सामने बैठा है मेरा मेहबूब आज इन आंखों में कयामत का नज़ारा है ख़ुश-किस्मत हैं वो जिन्हें मिलती है मंज़िल पूछो उस से सफ़र का दर्द जो बंजारा है हथेली पे दिल के घूमता है बेवकूफ़ इश्क़ का ना-समझ है, इश्क़ में ना-गवारा है #cinemagraph #yqdidi #yqbaba #yqthoughts #yqquotes #yqlongform #gazal