पुरानी धुन, शायद दिल को आराम ना दे। दिल को भाये जो, क़लम वो पैग़ाम ना दे। दर्द के बिना ज़िन्दगी, ज़िंदगी नहीं लगती, हमदर्दी को यूँही फिर प्यार का नाम ना दे। गर हर ख़याल की सूरत नहीं है मुझ जैसी, बात-बात पर फिर दिल को इल्ज़ाम ना दे। नादानियाँ क्यों करते हो फिर नज़रअंदाज़, बैठे-बिठाए बेचैन धड़कनों को काम ना दे। आज़ाद ख़याल 'धुन' इश्क़ रखेगी आज़ाद, ख़ामोशी में क़ैद ज़ुबान को यूँ सलाम ना दे। Rest Zone आज का शब्द- 'क़लम' #rzmph #rzmph166 #कलम #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #feelings