हवा और दुपट्टा मत लहराओ हवा में अपना दुपट्टा मेरा दिल धड़कता है, तुम्हारे दीदार को ये दिल मचलता है। ये दुनियाँ वाले क्या समझेंगे प्यार की कीमत, मगर अंधेरे की कीमत तो बस जुगुनू समझता है।। अँधेरे की कीमत तो बस जुगुनू समझता है।#poetrysomendra #SomendraSingh Anjali Abhishek Kumar Shakuntala Choudhary Sadhana Choudhary Jyoti Prasad