ज़मीं से फ़लक तक, ज़मीन भी रोयेगी ये फलक भी रोयेगा ।।। टूटा है मेरा दिल मुकद्दर भी रोयेगा ।। डूबी है मेरी कश्ती जिस मक़ाम पर साहिल भी रोयेगा वो समुन्दर भी रोयेगा ।। आएगी जब याद तुझे तेरी बद्सलूकियाँ गुज़रा वक़्त याद करके पेहरो तू रोयेगा ।। आयेगा महफ़िल में जब भी वफ़ा का ज़िक्र मेरा नाम ले ले कर एक बेवफा रोयेगा ।। माताम ज़माना करता है पर मज़ा तो तब है मेरी मौत की खबर सुन के वो पत्थर दिल रोयेगा ।। बायाँ करुँगी दर्द-ऐ-दिल इस अन्दाज़ में तू सुन कर भी रोयेगा तू पढ़ कर भी रोयेगा ।। zameen bhi royegi ye falak bhi royega... toota hai mera dil muqaddar bhi royega... dubi hai meri kashti jis makaam par sahil bhi royega wo samundar bhi royega.. Aayengi jab bhi yaad tujhe apni badsulookiya Guzra waqt yaad karke tu pehro royega Aayega mehfil me jab b wafa ka zikr Mera nam le le kr ek bewafa royega