ये रिश्तों का मोह बहोत बेकार होती है अपना भी नही होती और अपनापन जगा देती हैं ये मोह के धागे बड़े कच्चे होते है वही रह जाते है जो सच्चे होते है ©Vipin Neha #maharanapratap